कर्ज के जाल में फंसे 75 देश: क्या चीन की चाल दुनिया को डुबो देगी ?

नई दिल्ली, 27 मई 2025 – चीन की बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) के तहत 75 सबसे गरीब और कमजोर देशों पर 2025 में $22 बिलियन (लगभग ₹1.83 लाख करोड़) का कर्ज चुकाने का दबाव है, जो अब तक का सबसे अधिक है। यह आंकड़ा ऑस्ट्रेलिया स्थित थिंक टैंक लोवी इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट में सामने आया है।

कर्ज का बढ़ता बोझ और सामाजिक सेवाओं पर प्रभाव

लोवी इंस्टीट्यूट के अनुसार, इन देशों को 2025 में चीन को कुल $35 बिलियन में से $22 बिलियन चुकाने हैं, जो उनके स्वास्थ्य, शिक्षा और जलवायु परिवर्तन से निपटने के प्रयासों के लिए खतरा पैदा कर रहा है।

चीन का भूमिका परिवर्तन: विकास साझेदार से कर्ज वसूलकर्ता तक

रिपोर्ट के लेखक रिले ड्यूक ने कहा, “अब और इस दशक के बाकी समय के लिए, चीन विकासशील दुनिया के लिए अधिक कर्ज वसूलकर्ता बन जाएगा, न कि ऋणदाता।”

पारदर्शिता की कमी और छिपे हुए कर्ज

BRI के तहत वित्तीय लेन-देन में पारदर्शिता की कमी के कारण वास्तविक कर्ज स्तर को समझना मुश्किल है। AidData के अनुसार, 2021 में छिपे हुए कर्ज $385 बिलियन तक हो सकते हैं।

चीन की रणनीति और वैश्विक प्रभाव

BRI के माध्यम से चीन ने वैश्विक स्तर पर अपनी उपस्थिति बढ़ाई है, लेकिन अब कर्ज वसूली के दबाव के कारण उसकी छवि पर असर पड़ रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि चीन को अब अपने कर्ज पुनर्गठन और वैश्विक कूटनीतिक दबावों के बीच संतुलन बनाना होगा।

निष्कर्ष

चीन की BRI नीति ने विकासशील देशों को बुनियादी ढांचे के विकास में मदद की है, लेकिन अब बढ़ते कर्ज के बोझ के कारण ये देश आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं। इस स्थिति में पारदर्शिता, कर्ज पुनर्गठन और वैश्विक सहयोग की आवश्यकता है ताकि इन देशों की आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित की जा सके।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *